कछौना में बस अड्डा न होने से होती है परेशानी

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कछौना में बस अड्डा न होने से होती है परेशानीकछौना में बस अड्डा न होने से होती है परेशानी

शगुन गुप्ता, कक्षा-11, उम्र- 16, स्कूल: जानकी प्रसाद इंटर कालेज, कछौना, हरदोई

कछौना (हरदोई)। शाहजहांपुर-हरदोई-लखनऊ मुख्य मार्ग पर स्थित कछौना कस्बे में आजतक बस अड्डे का निर्माण नहीं हो पाया जबकि हर दिन यहां से सैकड़ों की संख्या में लोग बस से सफर करते हैं।

हरदोई जिला मुख्यालय से लगभग 39 किमी दूर संडीला तहसील के नगर पंचायत कछौना कहने भर के लिए नगर पंचायत रह गया है। कोई भी विधायक या सांसद आता है तो स्थानीय निवासी बस अड्डा बनाने की मांग करते हैं। लेकिन, जनप्रतिनिधि बस वादा करके चले जाते हैं। कछौना के रहने वाले रमेश गुप्ता (35 वर्ष) लखनऊ में नौकरी करते हैं। वो कहते हैं, "कई बार ऐसा होता है कि हमें बस पकड़नी पड़ती है, बस अड्डा न होने पर बस ड्राइवर बस ही नहीं रोकते है। दिन में तो ठीक रहता है, लेकिन रात में बहुत परेशानी होती है।"

कछौना से कुछ दूर पर बालामऊ जंक्शन पर हर महीने अमावस्या और पूर्णिमा पर नैमिषारण्य तीर्थ जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं यहीं से ट्रेन पकड़ते हैं। इसके साथ कानपुर में गंगा स्नान के लिए भी बड़ी संख्या में लोग भी यही से जाते हैं। कछौना कस्बे में अरसे से स्थाई बस अड्डे की मांग की जा रही है। इसके लिए ना तो जनप्रतिनिधि गंभीर है ना ही जिम्मेदार इस वजह से आज भी लोग खुले आसमान के नीचे बस का इंतजार करने को मजबूर हैं। यहां से लोग शाहजहांपुर, सहारनपुर, उत्तराखंड, तक की बसें गुजरती हैं, लेकिन बस अड्डा न होने से बसें ही नहीं रुकती हैं।

कछौना के रमेश चन्द्र (40 वर्ष) बताते हैं, "बस स्टेशन न होने से बहुत परेशानी होती है, कितनी बार ही हमनें इसकी मांग की है कि बस अड्डा बन जाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पायी।" यहां पर यात्रियों की सुविधाओं के नाम कुछ भी मुहैया नही है, यात्री खुले आसमान के नीचे खड़े होकर बस का इन्तजार करते है ऐसे में सबसे अधिक परेशानी ठंड व बरसात के दिनों में होती है। बस अड्डा न होने से प्राइवेट बसें यात्रियों से मनमाना पैसा वसूलती हैं।

"This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org)."

   

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